अस्थमा व अल्सर भगाएगा लौकी-एलोविरा का चामत्कारिक ड्रिंक

अस्थमा व अल्सर भगाएगा लौकी-एलोविरा का चामत्कारिक ड्रिंक

इस पेय को तीन महीने तक रखा जा सकता है सुरक्षित
आईआईवीआर ने पेय बनाने की इजाद की सरल विधि

विजय विनीत

भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) के वैज्ञानिकों ने लौकी और एलोविरा से एक ऐसा पेय (ड्रिंक) तैयार किया है जिससे न सिर्फ शरीर की अम्लता कम होगी, बल्कि अल्सर और अस्थमा जैसी बीमारियों को भी नियंत्रित करेगा। शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाएगा। यह खांसी-जुकाम में राहत भी पहुंचाएगा। आईआईवीआर के पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नालॉजी विभाग ने इस ड्रिंक को तैयार किया है। इसके निर्माण की तरकीब बेहद आसान है। कोई भी व्यक्ति अपने घर में भी इस पेय को आसानी से तैयार कर अपनी सेहत में सुधार ला सकता है।
लौकी-एलोविरा पेय बनाने की तरकीब बेहद आसान है। जूस निकलाने के लिए लौकी को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर कुकर में पकाएं। बाद में उसे मथ दें। इसके पश्चात मलमल के कपड़े में डालकर जूस निकालें। जूस निकालने के लिए हाइड्रोलिक प्रेस का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी तरह एलोविरा के गूदे से जूस निकालें। एक किग्रा लौकी के जूस में 250 ग्राम एलोविरा जूस मिलाएं। लौकी और एलोविरा जूस में 6 से 8 फीसदी चीनी डालते हैं। बाद में बोतल में भकर उबलते हुए पानी में पांच से दस मिनट मिनट रखते हैं। इसके बाद कमरे के तापमान पर दो महीने तक रखा जा सकता है। 25 से 30 डिग्री तापमान पर इस पेय को तीन महीने तक आसानी से रखा जा सकता है।
आईआईवीआर के पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नालॉजी विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डा.सुधीर सिंह के मुताबिक इस पेय का रंग नहीं बदलता है, क्योंकि लौकी को उबालने से इसके एंजाइम खत्म हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि यह पेय बच्चों और युवाओं को फुर्तीला बनाने में भी सहायक है। स्वाद में मीठा होने के कारण इस पेय में कड़वाहट का एहसास नहीं होता। उन्होंने बताया कि जिन दिनों लौकी सस्ती हो उस समय इस पेय को बनाकर सुरक्षित रखा जा सकता है। इस स्वाथ्यवद्र्धक पेय में विटामिन ए, सी, के, ई और बी कांप्लेक्स भरपूर मात्रा में मिलती है।

लौकी-एलोविरा पेय में मिलने वाले तत्व

कार्बोहाइड्रेड     3.5 प्रतिशत
वसा                0.1 प्रतिशत
प्रोटीन             0.5 प्रतिशत
विटामिन          0.04 मिली ग्राम प्रति 100 ग्राम
नियासिन         0.4 मिली ग्राम प्रति 100 ग्राम
विटामिन          सी 11 मिली ग्राम प्रति 100 ग्राम
आयरन            0.4 मिली ग्राम प्रति 100 ग्राम
फास्फोरस         14 मिली ग्राम प्रति 100 ग्राम

लौकी में रेशा (फाइवर) की मात्रा काफी अधिक पाई जाती है। एलोविरा में एंटी आक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं। ये दोनों अल्सर बनने की संभावना को कम करते हैं। साथ ही शरीर में नुकसान पहुंचाने वाले अम्ल को भी कम करते हैं।
-डा.वीके दीक्षित उदर रोग विशेषज्ञ बीएचयू

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!