रंगीन मछलियों का धंधा भी रंगीन

रंगीन मछलियों का धंधा भी रंगीन

एक्वेरियम बढ़ाये घर की शोभा, व्यवसाय करें तो मुनाफा ही मुनाफा

विजय विनीत

रंगीन  मछलियों को विशेष तरह के शीशे के घरों यानी एक्वेरियम में रखना आकर्षण व्यवसाय है। यह एक दिलचस्प है जो न केवल सौंदर्य की अनुभूति देती है बल्कि कमाई का अवसर भी उपलब्ध कराती है। दुनिया में करीब 600 आकर्षक सजावट की मछलियों की प्रजातियां हैं।  यद्यपि भारत में ज्यादातर एक्वेरियम की मछलियां विदेशी मूल की हैं लेकिन यहां भी  100 से ऊपर देशी प्रजातियों को ऐक्वेरियम में पालने की सिफारिशें मत्स्य विज्ञानी कर रहे हैं।  विदेशी प्रजाति की मछलियां भी यहां  प्रजनन कर रही हैं।

एक्वेरियम मछलियों की किस्में -गप्पीज, मोली, स्वॉर्ड टेल, प्लेटी  

अंडे देने वाली प्रसिद्ध मछलियां: गोल्डफिश, कोई कार्प, जेब्रा डानियो, ब्लैक विंडो टेट्रा, नियोन टेट्रा, सर्पा टेट्रा

कई और भी कुछ मछलियां :बबल्स-एंजलफिश, रेड-लाइन तारपीडो मछली लोचेज, लीफ-फिश, स्नेकहेड नए।

जो मछलियां सीधे एक्वेरियम में बच्चे दे देती हैं उनका प्रजनन शुरू करना चाहिए जो की बहुत आसान है और फिर अंडों वाली रंगीन मछलियों का प्रजनन और नवजात की देखभाल की प्रक्रिया को सीखने के लिए गोल्डफिश या दूसरी अंडे देनी वाली रंगीन मछली चुननी  चाहिए। इन्हें खिलाने के लिए जिंदा खाना जैसे ट्यूबीफेक्स कीट, मोयना, केचुए आदि का बंदोबस्त करना होता है, जिन्हें बरसात के दिनों में तो आसानी से इकट्ठा किया जा सकता है। बाजार से भी रेडीमेड फूड क्रय किया जा सकता है।

शुरुआती चरण में मछलियों के इन नन्हे जीरों को डैफनिया आदि प्लवकों की जरूरत होती है जिन्हें छोटे गड्ढे में गोबर सरसों की खली के मिश्रण से आसानी से पैदा किया जा सकता है। भोजन की एक इकाई का उत्पादन उस इकाई के रख-रखाव के लिए बहुत जरूरी है।

भोजन व्यवस्था

अधिकतर मामलों में प्रजनन आसान होता है, लेकिन इन मछलियों के बड़े होने पर पूरक भोजन के तौर पर किसान स्थानीय कृषि उत्पादों-सरसों की खली, चावल पॉलिश और चोकर और पालक के पत्ते और केचुए और कीड़ों के सुखान (ड्राई करके ) का इस्तेमाल कर भोजन तैयार कर सकते हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए फिल्टर किये गये पानी की आपूर्ति की जानी चाहिए। सजावटी मछलियों का प्रजनन वर्ष के किसी भी समय में किया जा सकता है।

कुछ नुस्खे और टिप्स

0 प्रजनन और पालन इकाई के करीब पानी और बिजली की लगातार आपूर्ति आवश्यक है।

0 सरसों की खली, चावल पॉलिश और चोकर जैसे कृषि आधारित उत्पादन और पशु आधारित प्रोटीन जैसे कीड़ों मछली और केंचुए या फिर स्लाटर वेस्ट आदि का मिश्रण रंगीन मछली के लिए पर्याप्त खुराक है ।

0 प्रजनन के लिए चुना गया ब्रूड स्टॉक अच्छी गुणवत्ता का होना चाहिए ताकि वह बिक्री के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली मछलियों का उत्पादन कर सके।

0 प्रजनन और पालन इकाई को हवाई अड्डे/रेलवे स्टेशन के पास स्थापित करने को प्राथिमकता दें  ताकि जिंदा मछलियों को घरेलू बाजार में और निर्यात के लिए आसानी से लाया व ले जाया जा सके।

0 एक मछली पालक ऐसी प्रजातियों का पालन कर सकता है जिन्हें एक बाजार में ही उतारा जा सके।

0 बाजार की माँग की पूरी जानकारी, ग्राहक की प्राथमिकताएँ और व्यक्तिगत संपर्क के जरिए बाजार का परिचालन और जनसंपर्क जरूरी है।

इन रंगीन मछलियों की एक फसल से 40 से 50 हजार रुपये प्रति फसल शुद्ध आय के रूप में कमाया जा सकता है। विस्तृत जानकारी के लिए मत्स्य पालक राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, कैनाल रिंग रोड, दिलकुशा, लखनऊ 226002 (0542-2442441) से संपर्क कर सकते हैं।

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