माता-पिता को बनाएं अपनी मुहब्बत का हमराज

माता-पिता को बनाएं अपनी मुहब्बत का हमराज

विजय विनीत

हमारे समाज में अभी भी युवक-युवतियां अपने प्रेम संबंधों को चोरों की तरह छुपाते हैं। यदि मां-बाप को अपना हमराज बनाया जाए तो कोई भी वजह नहीं कि वे इन संबंधों को स्वीकार न करें। दरअसल घर के बड़े बुजुर्ग प्रेम या प्रेम विवाह के खिलाफ नहीं होते। अगर युवतियां समझती हैं कि सब कुछ चोरी-छिपे करना उचित है तो यह ठीक नहीं है। अपनी चिंता को माता-पिता से बता कर निश्चिंत हो जाना ही उचित है।

लंबा गृहस्थ जीवन बिताने के कारण मां-बाप अपने खट्टे-मीठे तजुर्बों के आधार पर बहू या दामाद के चुनाव में ज्यादा सतर्कता बरत सकते हैं। इसलिए घर पर मां पिता से यह मत कहना कि तुमने अपने पति का चुनाव कर लिया है। इससे उनकी भावनाओं को एकाएक ठेस लग सकती है। लड़कियां यह कह सकती हैं कि उनकी नजर में एक लड़का है। अगर आप ठीक समझें तो देख लें। इन बातों पर माता-पिता का बड़प्पन उन्हें तुम्हारी पसंद के लड़के को देखने के लिए मजबूर कर देगा। हमारे समाज में युवक-युवतियां अपने प्रेम संबंधों को बेवजह छुपाते हैं। उन्हें लगता है कि यदि परिवार वालों को उनके प्रेम का पता चल जाएगा तो न जाने उन्हें क्या सजा दी जाएगी? प्रेमी युगल के लिए यह समझना ठीक नहीं है कि वह पूरे समाज से टक्कर ले रहे हैं। जमाना उनके प्रेम का दुश्मन है। सवाल तो स्वयं की सफलता या असफलता का है।

भारत में हर साल हजारों विवाह ऐसे होते हैं जिसमें पहले दूल्हा-दुल्हन आपसी जानकारी के नाम पर महज एक दूसरे की शक्ल देख पाते हैं। इन परंपरागत शादियों में भी बहुतेरे दंपति असफल गृहस्थ जीवन बिताते हैं। हालांकि उनके माता-पिता ने ही रिश्ते तय किए होते हैं। अतः सफल विवाहित जीवन के लिए यह आवश्यक है कि भावी पति-पत्नी, उनके अभिभावक विवाह के बाद आने वाली स्थितियों को समझें। विवाह से पहले ही जान लें कि लड़के-लड़की की आदतें, स्वभाव, उनका और उनके परिवार का सामाजिक, आर्थिक और मानसिक स्तर जीवन-यापन के तौर-तरीके आदि को पहले से देख लिया जाना चाहिए।

माता-पिता को मालूम ही नहीं होगा तो वे अपनी जिम्मेदारी भला कैसे निभाएंगे? सच्चे हृदय से प्रेम करने वाले युवक- युवतियों को चाहिए कि वे अपने प्रेम संबंधों को अपने माता-पिता से छुपाकर तमाशा ना बनाएं। बौद्धिक परिपक्वता का परिचय देते हुए माता-पिता को स्पष्ट शब्दों में बता दें कि उनके किससे कैसे संबंध है। उनकी आंतरिक इच्छा क्या है? माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों की इस स्पष्टवादिता की सराहना करें। ऐसा व्यवहार या प्रतिक्रिया जाहिर न करें कि बच्चों को यह महसूस हो कि उन्होंने कोई भूल की है।

माता-पिता का यह कर्तव्य है कि वे इस बात की पूरी तरह पड़ताल करें कि क्या इन प्रेम संबंधों को विवाह में परिणित किया जा सकता है। यदि हां तो उस विवाह के सफल होने की कैसी और कितनी संभावना है? कई बार प्रेम संबंधों के पीछे मात्र यौन इच्छा होती है। अक्सर कालेजों में ऊपरी आकर्षण युवक-युवतियों में देखा जाता है। ऐसे प्रेम संबंधों को अभिभावकों द्वारा स्वीकार कर लिया जाना प्राया असंभव सा है।

जहां माता-पिता यह समझते हैं कि युवक-युवती के मानसिक व आर्थिक स्तर में जमीन आसमान का अंतर है या युवक आवारा व  बदचलन है या उसमें कमाने की क्षमता ही नहीं है या उनका प्रेम महज सिनेमाई है, तो ऐसे प्रेम विवाह के लिए अभिभावक अनुमति नहीं देंगे। उन्हें इसके लिए अनुमति देनी भी नहीं चाहिए।  कुछ युवक अपने प्रेम को माता-पिता से उस समय तक छुपाए रहते हैं, जब तक चोरी छिपे शादी नहीं कर लेते। कई बार युवक-युवतियों के प्रेम संबंध से पूर्णतया अनभिज्ञ माता-पिता उनके विवाह की बात किसी दूसरी जगह चला रहे होते हैं।

ऐसे युवक-युवती है प्रायः सगाई या गोद-भराई की रस्म के समय घर से भाग जाते हैं। कई बार शादी के कुछ घंटे पहले यह रहस्य उद्घाटन करते हैं कि वह किसी दूसरे के प्रेम पास में बंधे हैं। इस वजह से वे विवाह कर पाने में असमर्थ हैं। ऐन वक्त पर की गई यह घोषणा जहां संबंधित परिवारों को सभी की हंसी और दया का पात्र बनाती है, वहीं भीषण आर्थिक और कानूनी पचड़ों में भी उलझा देती है।

प्रेम विवाह करने वाले कई दंपतियों से बात करने पर यह रहस्य खुला है कि अधिकतर युवक-युवतियां चाहते हैं कि वह अपने माता पिता को सब कुछ बता दें, पर झिझक या लाज के कारण खुद नहीं बता पाते। यह समस्या वास्तविक है, क्योंकि सभी युवा व्यक्ति माता-पिता से अधिक खुले नहीं होते। बहुत कम माता-पिता बड़े लड़के लड़कियों से मित्रों जैसा व्यवहार रखते हैं। फिर भी इस स्थिति में प्रेम संबंधों को छिपाने से घर में भाई-बहन,  भाभी-बहनोई या किसी ऐसे पारिवारिक मित्र या परिचित की सहायता ली जा सकती है जो न केवल माता-पिता तक यह राज पहुंचाने को तैयार हों। यदि युवक-युवती समझदारी व धैर्य से माता-पिता अथवा उनके मित्र को अपनी मुहब्बत के बारे में जानकारी दे दें तो समाज को हजारों असफल प्रेम-प्रसंगों और आत्महत्याओं से छुटकारा मिल सकता है।

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