बनारस के नचिकेता रघुवंशी ने क्यों कहा, दुनिया को अलविदा?
सोनू की मौत के मामले में लीपापोती कर रही बनारस की लालपुर थाना पुलिस
विशेष संवाददाता
वाराणसी। महज सत्रह साल के किशोर नचिकेता रघुवंशी उर्फ सोनू की मौत की के मामले में लालपुर थाना पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है। इस किशोर को आत्महत्या करने के लिए जिस लड़की ने उकसाया था, शिकायत के बावजूद इलाकाई पुलिस ने कार्रवाई तो दूर, अब तक पूछताछ तक नहीं की है। सोनू बेहद होनहार लड़का था। क्लास में पड़ने वाली एक लड़की की काली करतूतों के चलते वह दुनिया को अलविदा कह गया।
20 जनवरी को अपराह्न करीब 3:37 बजे 17 वर्षीय नाबालिग नचिकेता रघुवंशी उर्फ़ सोनू पुत्र चेग्वेवारा रघुवंशी ने दौलतपुर (पांडेयपुर) में अपने घर के कमरे में फ़ासी लगाकर जान दे दी थी। परिजनों ने जिंदगी की उम्मीद में उसे अस्पताल में दाखिल कराया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। पंचनामा के बाद नचिकेता रघुवंशी उर्फ़ सोनू का पोस्टमार्टम हुआ। वह भी तब जब डीएम ने अनुमति दी। बाद में सोनू का हिन्दू रीति – रिवाज से उनका अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर किया गया।
नचिकेता रघुवंशी उर्फ़ सोनू के माता-पिता के मुताबिक उसी की कक्षा की एक लड़की ने 20 जनवरी को (आत्माहत्या से पूर्व) सोनू को उसके फ़ोन नंबर 9682247911 पर कॉल करके धमकाया था कि उसने जान्हवी तिवारी को कोल्ड ड्रिंक में जहर दिया है और उसको चाकू मार दिया है।
इससे पहले 19 जनवरी को सुमन (काल्पनिक नाम) ने आत्माहत्या करने का प्रयास किया था। उसे बनारस हिन्दू विश्विद्यालय के सर सुन्दर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत अभी तक नाजुक बनी हुई है। सुमन के पिता ने इस घटना के बारे में थाने में रपट दर्ज करायी थी, लेकिन लालपुर थाने के प्रभारी सुधीर कुमार सिंह ने कोई कार्रवाई नहीं की। नचिकेता उर्फ़ सोनू से के मामले में भी पुलिस लीपापोती कर रही है। ऐसा परिजनों का आरोप है।
सोनू के परिवारीजनों ने इस मामले में पुलिस की लीपापोती को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत की है। आरोप लगाया है कि इस समूचे मामले में पुलिस की नीयत साफ नहीं है। सामाजिक कार्यकर्ता डा.लेनिन रघुवंशी ने कहा है कि पुलिस ने इस मामले में आत्महत्या करने के लिए विवश करने वाली लड़की को गिरफ्तार नहीं किया तो उच्चाधिकारियों से शिकायत की जाएगी।