चलते-फिरते, डांस करते कार्डियक अटैक के क्यों बढ़ रहे मामले?

चलते-फिरते, डांस करते कार्डियक अटैक के क्यों बढ़ रहे मामले?

वाराणसी स्थित त्रिमूर्ति मल्टी सुपर स्पेशियलिटी संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ. राममूर्ति सिंह बता रहे कि क्यों छोटी पड़ती जा रही इंसान की जिंदगी

विजय विनीत ( वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक)

सीन-एकः

बनारस के पिपलानी कटरा इलाके के औघड़नाथ तकिया निवासी मनोज विश्वकर्मा अपने भतीजे की शादी में डांस कर रहे थे। अचानक उन्हें हार्ट अटैक आया और वह गिर पड़े, जिससे उकी  मौके पर ही मौत हो गई।

सीन-दोः

जिम के ट्रेड मिल पर दौड़ रहे कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के सीने में तेज दर्द हुआ और वह गिर पड़े। कुछ ही देर बाद उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों के मुताबिक, उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा था।

सीन-तीनः

कन्नड़ अभिनेता पुनीत राजकुमार भी जिम में कसरत कर रहे थे और अचानक  कार्डियक अटैक पड़ा और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।

कार्डियक अरेस्ट से अचानक हो रही मौत के वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहे हैं। कोरोना संकट के बाद हो रही इन मौतों ने हर किसी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि इंसान की जिंदगी बहुत छोटी पड़ गई है। त्रिमूर्ति मल्टी सुपर स्पेशियलिटी संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ. राममूर्ति सिंह के मुताबिक, अस्पताल से बाहर होने वाले कार्डियक अरेस्ट में लोगों के तीन से आठ फ़ीसदी लोग ही जिंदा बच पाते हैं। वह कहते हैं, ”कार्डियक अरेस्ट हार्ट की मुख्य वजह होती है मांसपेशियों की में ब्लॉकेज। जब हार्ट ख़ून को पंप करना बंद कर देता है तब कार्डियक अरेस्ट होता है। जेनेटिक कारणों से भी कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। शरीर में कोई अनएक्सप्लेन्ड लक्षण दिखें तो तत्काल सचेत हो जाइए।”

पेट में मरोड़, पेट के ऊपरी हिस्से में ब्लोटिंग, भारीपन का एहसास जैसी समस्या को एसिडिटी समझ कर नजरंदाज नहीं करें। अगर छाती में दबाव महसूस हो रहा हो अथवा गले में कुछ फंसा हुआ लगे तो सतर्क हो जाइए। सीढ़ियां चढ़ने में थकान, पीठ की ओर दर्द, गर्दन में दर्द को इग्नोर नहीं करें। परिवार में किसी की 30 से 40 साल से कम उम्र में अचानक मौत हुई हो तो आपको भी कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।

दिल का दौरा, मौत की घंटी

डॉ. राममूर्ति कहते हैं, ” हार्ट अटैक में मरीज़ को आधे घंटे या उससे ज़्यादा समय तक छाती में दर्द होता तो यह मान लीजिए कि यह ‘कार्डियक अरेस्ट है। दर्द बाएं हाथ की ओर जाता है और उसके साथ काफ़ी पसीना आता है। तत्काल इलाज न मिलने पर यह दर्द कार्डियक अरेस्ट में बदल सकता है। तनाव, धूम्रपान, नशाखोरी के चलते युवाओं में ऐसे मामले ज़्यादा दिख रहे हैं। अस्पताल से बाहर होने वाले कार्डियक अरेस्ट में तीन से आठ फ़ीसदी ही जीवित रहने की उम्मीद होती है।”

”कोरोना के कारण शरीर में ख़ून के क्लॉट या जमने के मामले सामने आए हैं। ये क्लॉट फेफड़ों, हार्ट, पैरों की नसों और दिमाग़ में बन सकते हैं। ख़ून को पतला करने के लिए मरीज़ों को दवाएं दी जाती हैं, जिससे कार्डियक अरेस्ट का खतरा टल जाता है। यह भी हो सकता है कि आपको पहले कोविड हुआ हो और उसके बाद हार्ट अटैक हुआ हो तो कह सकते है कि दोनों का संबंध हो, लेकिन इसके कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं।”

”इतना जरूर है कि जिसे कोरोना की बीमारी हुई होती है उसमें ख़ून जमने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में रोगियों को ब्लड थिनर दिया जाता है। साथ ही साधारण कसरत और टहलने की सलाह दी जाती है। हर हार्ट अटैक का कारण कोरोना ही है, यह कहना बिल्कुल गलत है। कोरोना संक्रामक मैं  क्लॉट बनने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में कार्डियक अरेस्ट या हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। इस तरह के मामलों में ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा होता है।”

बूढ़ी औरतों में खतरा ज्यादा

त्रिमूर्ति मल्टी सुपर स्पेशियलिटी संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ. राममूर्ति सिंह कहते हैं, ”पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में कार्डियक अरेस्ट के मामले कम होते हैं। दरअसल, महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन होता है और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन। माहवारी के दौरान औरतों के शरीर में मौजूद एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर काफी ऊंचा होता है। महिलाओं में जब तक माहवारी होती है तब तक एस्ट्रोजन हार्मोन उनकी सुरक्षा करता है। मेनोपोज़ के बाद हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ जाता है। 45 साल की महिलाओं के मुक़ाबले पुरुषों में हार्ट अटैक के मामले ज़्यादा होते हैं। दस पुरुषों के मुकाबले सिर्फ एक महिला में हार्ट अटैक होता है। 60 साल की उम्र में महिला और पुरुष के बीच हार्ट अटैक के मामले बराबर हो जाते हैं। 65 साल के बाद पुरुषों के मुक़ाबले महिलाओं में ज़्यादा हार्ट अटैक के मामले सामने आते हैं।”

अच्छी सेहत का मंत्र संतुलित भोजन व कसरत

हार्ट अटैक से बचने के लिए डा.राममूर्ति सिंह नियमित कसरत करने और खाने-पीने पर ज्यादा ध्यान देने की सलाह देते हैं। वह कहते हैं, ” जीवनशैली में बदलाव के चलते महिलाएं दिल की बीमारियों की जद में आ रही हैं। धूम्रपान, शराब का सेवन और मैदे से बने भोजन की वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने लगा है। घरों में रहने वाली महिलाएं कसरत पर ज़्यादा ध्यान नहीं देती हैं। अगर आप ऐसी कसरत के आदी नहीं हैं तो अचानक जिम जाने से आपको दिक्कतें हो सकती हैं।”

”कसरत करते समय कोशिश यह करें कि ज्यादा पसीना आए तो ज़्यादा पानी भी पिएं। शरीर में नमक की कमी कतई न होने दें। एनर्जी अथवा मसल्स बनाने वाले ड्रिंक्स का इस्तेमाल न करें। ऐसी दवाएं भी न लें जो आपको उत्तेजना बढ़ाती है। जवानी में ही अपने सेहत की चिंता करें, तभी बुढ़ापा अच्छी तरह से गुजरेगा। अच्छी सेहत का मंत्र है संतुलित भोजन और कसरत।”

वाराणसी स्थित त्रिमूर्ति मल्टी सुपर स्पेशियलिटी संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ. राममूर्ति सिंह के साथ कार्डियक सर्जनों की एक बड़ी टीम है जो कुशलतापूर्वक कोरोनरी धमनी बाईपास सर्जरी के जरिये मरीजों का इलाज करती है। बनारस के श्रेष्ठ कार्डियक चिकित्सक डॉ. राममूर्ति सिंह से अपॉइंटमेंट के लिए मोबाइल-08858437555/9696383852 अथवा ईमेल-trimurtivnshopital@gmailcom पर संपर्क और तत्काल मुफ्त मशविरा हासिल किया जा सकता है।

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