गुड न्यूजः बनारस में अब दिल के मरीजों की जान बचाएंगे ‘भगवान राम’

गुड न्यूजः बनारस में अब दिल के मरीजों की जान बचाएंगे ‘भगवान राम’

0 उम्र से ज्यादा बड़ा नहीं होने दें दिल, अन्यथा हार्ड अटैक ले सकता है आपकी जानः डा.राममूर्ति

विजय विनीत

बनारस के भोजूबीर स्थित त्रिमूर्ति मल्टी सुपर स्पेशियलटी संस्थान के प्रबंध निदेशक डा. राममूर्ति सिंह अस्पताल आने वाले दिल के मरीजों को एक ऐसी किट मुफ्त में बांट रहे हैं जिसे उन्होंने भगवान राम का नाम दिया है। इस किट का नाम है ‘राम किट’ जो दिल के मरीजों के लिए रामबाण साबित हो रहा है।

पिछले दो सालों से सर्दी के दिनों में दिल के दौरे से बड़ी तादाद में लोगों की मौतें हुई हैं। इन मौतों को लेकर दुनिया भर में रिसर्च चल रहा है। कोई इसे जलवायु परिवर्तन तो कोई प्रदूषण और कोई कोविड 19 की दवाओं का इफेक्ट बता रहा है। अभी तय नहीं हो सका है कि चलते-फिरते लोगों की मौत की आखिर वजह क्या है? दिल के दौरों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए त्रिमूर्ति मल्टी सुपर स्पेशियलटी संस्थान ने अस्पताल आने वाले सभी हृदय रोगियों को राम किट मुफ्त में बांटने का अभियान शुरू किया है। यह किट उन मरीजों को दिया जा रहा है जो किन्हीं वजहों से हृदय रोग के जद में हैं। अस्पताल में सलाह के लिए आने वाले हृदय रोगियों को भी यह राम किट मुफ्त में दी जा रही है।

अगर राम किट पास में है तो दिल के दौरे के समय मरीज अपनी जान बचा सकता है। दरअसल इस किट में तीन ऐसी दवाएं रखी गई हैं जिनका तत्काल इस्तेमाल करने पर दौरे के समय मरीज अपनी जान आसानी से बचा सकता है। दौरे के समय राम किट में शामिल दवाएं लेने वाले मरीज की जान तब तक बची रहती है जब तक वह अस्पताल नहीं पहुंच जाता। इस राम किट में तीन दवाएं रोसुवस्तटिन, सोर्बिट्रेट और इकोस्प्रिन शामिल हैं।

त्रिमूर्ति मल्टी सुपर स्पेशियलटी संस्थान के प्रबंध निदेशक डा. राममूर्ति सिंह कहते हैं, ”अगर किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ता है तो तीनों दवाओं का सेवन तत्काल करने पर उसे सुनहरा अवसर मिल जाता है और उसकी जान बचाई जा सकती है। रोगी जब अस्पताल पहुंचता है तो चिकित्सक सबसे पहले यही दवाएं दिल के दौरे वाले मरीज को देते हैं। ऐसे में अगर लोग अपने घरों में राम किट रखेंगे तो दिल का दौरा पड़ने अथवा सीने में किसी तरह का दर्द होने पर तीनों दवाएं ले सकते हैं। ये दवाएं पूरी तरह सेफ हैं। दवा लेने के बाद मरीज फौरन अस्पताल पहुंच सकते हैं। तीनों दवाएं बहुत सस्ती हैं और कोई भी व्यक्ति बाजार से कहीं भी इन दवाओं को खरीद सकता है।”

दिल के दौरों से हर कोई दहशत में

डा.राममूर्ति कहते हैं, ”इन दिनों दिल के दौरों से अचानक मौत की घटनाओं ने लोगों को दहशत में डाल दिया है। कसरत, क्रिकेट, डांस और ट्रेन में सफर करते समय दिल के दौरे से लोगों की मौत की खबरों से हर कोई हतप्रभ है। डॉक्टरों भी और मरीज भी। सरकार भी इस समस्या से निपटने का उपाय ढूंढ रही है। इस समस्या को थोड़ी कम करने के लिए त्रिमूर्ति मल्टी सुपर स्पेशियलटी संस्थान ने भगवान राम के नाम पर राम किट तैयार कराया है। हमारी छोटी से पहल हृदय रोगियों में जागरूकता लाने का प्रयास भर है। अब ये किट हार्ट अटैक या सीने में दर्द होने पर लोगों की जान बचा सकती है।

”अगर राम किट लोकप्रिय हुई तो हम इसे गांवों में हृदय रोगियों को मुफ्त में बंटवाएंगे। मस्तिष्क स्ट्रोक के मामलों में भी राम किट रामबाण की तरह कारगर साबित हो सकती है। यह दिल और दिमाग के रोगियों के लिए उपयोगी ही नहीं, जीवन रक्षक की भूमिका अदा कर सकती है। दरअसल हृदय रोगियों में जागरूकता पैदा करने के लिहाज से इसे राम किट नाम दिया गया है। इस किट में खून को पतला करने, हृदय की नसों में रुकावट को खोलने और हृदय रोगी को तुरंत राहत देने वाली जीवन रक्षक दवाएं शामिल हैं। जीवन रक्षक किट को इससे उम्दा और क्या नाम दिया जा सकता है? इन दवाओं के अभाव में तमाम रोगियों की जान चली जाती है।”

उम्र से ज्यादा बड़ा न हो दिल

त्रिमूर्ति मल्टी सुपर स्पेशियलटी संस्थान के प्रबंध डा.राममूर्ति सिंह कहते हैं, ”एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में ऐसे मरीजों की तादाद 78 फीसदी से ज्यादा है जिनके दिल की उम्र अपनी उम्र से ज्यादा है। इनमें 34 फीसदी लोगों के दिल की उम्र उनकी उम्र से पांच साल और 14 फीसदी के दिल की उम्र 10 साल ज़्यादा थी। जीवन शैली के बारे में कुछ आसान सवाल पूछकर चिकित्सक आसानी से बता देते हैं कि आपके दिल की उम्र कितनी है? दिल का दौरा  अथवा स्ट्रोक किस उम्र जीवन में हो सकता है? धूम्रपान छोड़ने के एक साल बाद दिल की बीमारी का ख़तरा आधा हो जाता है। कम से कम 150 मिनट तक व्यायाम करके भी ख़तरे को कम किया जा सकता है। अगर दिल की सेहत दुरुस्त कर लिया जाए तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक आसानी से बचा जा सकता है।

”बेहतर जीवनशैली नहीं होने की वजह से पांच में से चार वयस्कों की उम्र कम हो जाती है। इससे बचने के लिए धूम्रपान करने से बचना चाहिए। साथ ही व्यायाम करने के साथ ही अच्छा खाना खाना चाहिए। समाज में बहुत से लोग ऐसे हैं जिनकी उम्र भले ही कम होती है, लेकिन उनका दिल उनकी उम्र से ज्यादा बड़ा होता है। जो लोग ज्यादा जीवन जीना चाहते हैं उन्हें अपने दिल का खयाल भी ज्यादा रखना चाहिए।”

डा.राममूर्ति सिंह कहते हैं, ”मोटापा,  खान-पान में लापरवाही और व्यायाम नहीं करने की आदतों के चलते हाई ब्लड प्रेशर का खतरा पैदा होता है। कुछ आदतों को बदलकर इस ख़तरे को आसानी से टाला जा सकता है। दिल को सेहतमंद रखने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले धूम्रपान छोड़ दें। सक्रिय रहें और अपने वजन पर नियंत्रण रकें। फ़ाइबरयुक्त भोजन करें। खाने में संतृप्त वसा को कम करें। दिन में पांच सब्ज़ी या फल जरूर खाएं। नमक का सेवन कम करें।”

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