मिर्च और टमाटर के खेतों से निकली तरक्की की राह
किसानों की बदरंग जिंदगी में बायर की मुहिम ने भरी खुशहाली का रंग
विशेष रिपोर्ट / विजय विनीत
आधुनिक तकनीक का सही व सटीक इस्तेमाल और गजब की समझ है मेड़िया गांव की सफलता का राज। यूपी के मीरजापुर जिले के चुनार प्रखंड के इस गांव में कतारबद्ध मिर्च और टमाटर के लहलहाते खेत इस बात को तस्दीक करते हैं कि यहां तरक्की की बयार बह रही है। ऐसी बयार जहां से किसानों की खुशहाली और बेहतर भविष्य का रास्ता निकलता है।
जानते हैं क्यों? विश्व विख्यात कंपनी बायर के दक्षिण एशिया के फसल विभाग प्रमुख पीटर आर म्यूलर ने पूर्वांचल के करीब ढाई सौ किसानों की जिंदगी में हकीकत का रंग भरा है जो अब तक तंगहाल थे… फटेहाल थे… और बदहाल थे…। इनकी पहल पर कंपनी के प्रबंधक आनंद प्रताप शाही ने, न सिर्फ मेड़िया गांव की, बल्कि मीरजापुर के चौधरीपुर, पैगापुर, सोनभद्र के कुशी और बनारस के सैकड़ों किसानों की जिंदगी की तस्वीर बदल दी है।
मिर्च और टमाटर की खेती से किसान मालामाल हो रहे हैं। बायर की अनूठी कोशिशों के चलते ये गांव साल भर के अंदर बड़े बदलाव के गवाह और तरक्की के बड़े तीर्थ बन गए हैं। बेटर लाइफ फार्मिंग गठबंधन की मुहिम ने अब यह तस्दीक कर दिया है कि बायर ने पूर्वांचल के किसानों की उलझन भरी जिंदगी को बेहद आसान बना दिया है…। सूदखोरों और बिचौलियों के बंधन से आजादी दिला दी है…।
छोटे खेतिहर किसानों का बदलने लगा जीवन, संवरने लगा भविष्य
अमेरिका और जर्मनी की तर्ज पर भारत में बेटर लाइफ गठबंधन ने किसानों की जिंदगी संवारने की अनूठी पहल शुरू की है। यह गठबंधन किसानों के भविष्य की, उनके सेहत की, उनके बच्चों और उनके गोवंश तक की देखभाल व सुरक्षा करने में जुटा है। खास यह है कि नायाब और अनूठा प्रयोग की मशाल पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से जलनी शुरू हुई है। इस मशाल की रोशनी अब देश भर में फैलाने की तैयारी है।
बेटर लाइफ फार्मिंग गठबंधन ने बनारस, मीरजापुर और सोनभद्र के किसानों को उम्दा संसाधन मुहैया कराया है। ये किसान अपनी उपज तीन-चार गुनी करने के लिए वैज्ञानिक तरीके से मिर्च और टमाटर की खेती कर रहे हैं। मल्चिंग और टपक सिंचाई पद्धति को अपना रहे हैं। दुनियां की नामी कंपनियां उन किसानों पर ज्यादा मेहरबान हैं जिनके पास दो हेक्टेयर से कम जमीन है।
मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में मिर्च और टमाटर की खेती करने वाले किसानों की चुनौतियों और मुश्किलों का समाधान करने का अभिवन प्रयोग अब रंग लाने लगा है। बनारस में साल 2016 में इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था। किसानों को वित्तीय सुविधा के अलावा सिंचाई, कीट प्रबंधन, ग्रामीण प्रवासन के साथ ही उत्पादों की कीमतों में आने वाले उतार-चढ़ाव की मुश्किलों का समाधान करके उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास किया जा रहा है। बायर की यह अनूूूूठी मुहिम किसानों लिए भगीरथ प्रयास की मनिंद है।
किसानों की क्षमता को बंधनमुक्त करने के लिए बेटर लाइफ फार्मिंग अभियान को पूर्वांचल में अमलीजामा पहना रहे हैं बायर के प्रबंधक आनंद प्रताप शाही। वह बायर के इंडिया हेड (एशिया फेसपिक) पीटर मूलर, मार्केटिंग हेड श्रीनाथ बाला, ग्रोवर मार्केटिंग हेड रोहित मैनी और फार्मिंग हेड हरमन प्रीत सिंह के नेतृत्व में किसानों की आजीविका को चमकाने में जुटे हैं। बायर की पहल पर बेटर लाइफ फार्मिंग के तहत किसानों को मालामाल करने के लिए ताकत मिल रही है इंटरनेशनल फाइनेंस कारपोरेशन, नेटाफिम, स्विस रे, यारा फर्टीलाइजर, दी हाट और बिग बास्केट से। इन कंपनियों ने अपनील साझा कोशिशों से किसानों की आय तीन से चार गुना करने का संकल्प दोहराया है।
बेटर लाइफ फार्मिंग से आया जिंदगी में बदलाव
बेटर लाइफ फार्मिंग से किसानों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है। मीरजापुर के प्रगतिशील किसान पप्पू सिंह बताते हैं कि मिर्च की खेती के दम पर अब वह अपनी बेटी को चिकित्सक बनाने के सपनों को पूरा कर पाने में सक्षम हो गए हैं। वह परंपरागत ढंग से कई सालों से मिर्च की खेती करते आ हैं। वे पहले अपनी उपज औने-पौने दाम पर बेचते थे। दो जून की रोटी तक जुटाना मुश्किल था।
बायर की बेटर लाइफ फार्मिंग मुहिम ने उनकी जिंदगी बदल दी। अब आय दोगुनी हो गई है। लागत धटा तो मुनाफा बढ़ गया। अब वह मिर्च की खेती से अपनी उपज चार गुना करने में जुटे हैं। वह चाहते हैं कि मिर्च की खेती से होने वाली बंपर कमाई से और जमीन खरीदकर अपने साथ ही गांव के बेरोजगार युवाओं का भविष्य संवारें। बेटर लाइफ फार्मिंग गठबंधन के प्रमोटक बायर के प्रमुख पीटर आर म्यूलर कहते हैं कि हम वास्तव में छोटे किसानों की बदरंग जिंदगी में तरक्की और खुशी का रंग सजाना चाहते हैं। ऐसा रंग जो किसानों की जिंदगी को आसान और कामयाब बनाने में मील का पत्थर साबित हो।
किसानों के रोल माडल बने आनंद प्रताप शाही
पूर्वांचल में बायर के प्रबंधक आनंद प्रताप शाही किसानों के लिए ऐसे रोल माडल बन गए हैं जो उन्हें पारंपरिक खेती के अंधेरे से बाहर निकालने में दिन-रात एक कर रहे हैं। शाही कहते हैं कि हम किसानों की उपज कौड़ियों के दाम खरीदने वाले बिचौलियों के अल्पाधिकार को खत्म करके प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता का वातावरण पैदा करना चाहते हैं। इस साल यूपी के डेढ़ हजार किसानों की उपज और आय दो से तीन गुना करने का लक्ष्य हम पूरा कर लेंगे।
विश्व बैंक समूह के एमएसए सलाहकार रिक वैन डर भी बेटर लाइफ फार्मिंग की मुहिम से उत्साहित हैं। वह कहते हैं कि जलवायु और कीटों के हमलों से किसानों की जोखिम को खत्म करना चाहते हैं। नेटफिम इंडिया के निदेशक रणधीर चौहान, दी हाट के संस्थापक एवं सीईओ शशांक कुमार, यारा फर्टीलाइजर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव कवर, बिग बास्केट के सब्जी विभाग के प्रमुख विपुर मित्तल पीएम नरेंद्र मोदी के उस सपने को पूरा करना चाहते हैं जिससे किसान के चेहरों से चिंता की लकीरें हमेशा के लिए मिट सकें।
बेटर लाइफ फार्मिंग गठबंधन की मुहिम को दृढ़ता से लागू कराने के लिए बायर के फार्मिंग हेड हरमन प्रीत सिंह बेहद उत्साहित हैं। वह कहते हैं कि भारतीय किसानों के साथ सीधी भागीदारी करने की रणनीति के तहत मोबाइल और आनलाइन मंच का अब बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है। हम उनकी पल-पल खबर लेंगे और हर पल उन्हें आधुनिक खेती का गुर सिखाएंगे। बेहतर प्रौद्योगिकी के जरिये उनकी कठिनाइयों का निराकरण करेंगे। भूख, खाद्य सुरक्षा, बेहतर पोषण और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देकर दुनिया में बढ़ती आबादी के लिए अधिक सुरक्षित, पौष्टिक और किफायती भोजन सुनिश्चित करने में हर संभव योगदान देंगे।
बायर के बारे में भी जानिए
बायर स्वास्थ्य देखभाल और कृषि के जैव विज्ञान के क्षेत्र में किसानों की क्षमता को बढ़ाने वाला एक वैश्विक उद्योग है। इसके उत्पादोंऔर सेवाओं को किसानों के लाभ और जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए डिजाइन किया गया है। बायर का मकसद है कि वह नवाचर, विकास और अत्यधिक आय क्षमता के माध्यम से अपने महत्व के ग्राफ को ऊंचा करे। दरअसल बायर, टिकाऊ विकास के सिद्धांतों और एक कारपोरेट नागरिक के रूप में अपनी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारियों के प्रति प्रतिबद्ध है। साल 2017 में समूह ने करीब 99,800 लोगों की नियुक्ति करने के साथ ही करीब 35 अरब यूरो बिक्री के विशाल लक्ष्य को पूरा करने में कामयाबी हासिल की।