सावन मास 2024: विशेष पर्व, व्रत, और धार्मिक महत्व

सावन मास 2024: विशेष पर्व, व्रत, और धार्मिक महत्व

पंडित विशाल पोरवाल (प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य)

सावन मास की शुरुआत 22 जुलाई 2024, सोमवार से हो रही है। यह मास विशेष रूप से शिव आराधना के लिए पुण्य फलदायक माना जाता है। इस वर्ष श्रावण कृष्ण पक्ष 14 दिन का है, क्योंकि षष्ठी तिथि का क्षय हो रहा है। सावन में प्रतिदिन भोले शंकर को जल चढ़ाने और बेलपत्र अर्पण करने से उनकी विशेष अनुकम्पा प्राप्त होती है।

महत्वपूर्ण व्रत और पर्व:

अशुन्य शयन व्रत: यह व्रत चंद्रोदय की द्वितीया तिथि पर किया जाता है। इस व्रत से पति-पत्नी के दांपत्य जीवन की लंबी आयु होती है। इसका मान 22 जुलाई को होगा, जब चंद्रोदय रात 7:53 बजे होगा।

संकष्टी गणेश चतुर्थी: 24 जुलाई, बुधवार को होगी। चंद्रोदय रात 9:13 बजे होगा।

शीतला अष्टमी: 27 जुलाई, शनिवार को पड़ेगी।

योगिनी एकादशी: एक अगस्त, गुरुवार को मनाई जाएगी।

महाशिवरात्रि: 2 अगस्त, शुक्रवार को विशेष महत्वपूर्ण है।

हरियाली अमावस्या: 4 अगस्त, रविवार को होगी। इसे स्नान, दान एवं श्राद्ध अमावस्या भी कहते हैं।

इस मास में गेहूं, चना, अलसी, तिल, गुड़ जैसे कृषि उत्पादों में तेजी का रुख बनेगा, और मादक पदार्थों में भी तेजी देखी जाएगी। उत्तरी हिमालय क्षेत्र में भारी वर्षा और भूस्खलन की संभावना है।

अन्य प्रमुख पर्व और उत्सव:

करपात्री महाराज जी की जयंती: 6 अगस्त, मंगलवार को मनाई जाएगी।

हरियाली तीज, कजरी तीज, और श्रावणी तीज: 7 अगस्त, बुधवार को मनाई जाएंगी।

विनायक श्री गणेश चतुर्थी: 8 अगस्त, गुरुवार को होगी।

नाग पंचमी: 9 अगस्त, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इसमें नागों की पूजा कर दूध लावा चढ़ाया जाता है।

गोस्वामी तुलसीदास जयंती: 11 अगस्त, रविवार को मनाई जाएगी।

भानु सप्तमी: इसमें किया गया स्नान दान सूर्य में किए गए स्नान दान के बराबर माना जाता है।

पुत्र एकादशी व्रत: 15 अगस्त, गुरुवार को होगा। वैष्णव जन 16 अगस्त को एकादशी का व्रत करेंगे।

शनि प्रदोष व्रत : 17 अगस्त को मनाया जाएगा।

श्रावणी पूर्णिमा और रक्षाबंधन: 19 अगस्त, सोमवार को मनाए जाएंगे। भद्रा दिन में 1:25 बजे के बाद समाप्त होगी। बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधकर, और भाई अपनी बहनों को उपहार देकर अपने स्नेह को प्रदर्शित करेंगे।

धार्मिक महत्व:

सावन मास देवाधिदेव भगवान शिव का अत्यंत प्रिय महीना है। विशेषकर उत्तर भारत में कांवरिया गंगा स्नान कर गंगाजल से बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। बोल बम के उद्घोष के साथ शिव भक्तिमय वातावरण बनाते हैं। इस माह में पांच सोमवार हैं, जो विशेष शुभ फलदायक माने जाते हैं।

संस्कृत दिवस भी श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जिसमें संस्कृत भाषा के उत्थान का मार्ग प्रशस्त किया जाता है। मघा नक्षत्र एवं सिंह राशि की सूर्य संक्रांति 17 अगस्त, शनिवार को दिन में 10:01 बजे आएगी, जिसमें अच्छी वृष्टि होने की संभावना बनी रहेगी।

सावन मास का धार्मिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक महत्व अत्यधिक है, और इसका हर दिन विशेष पूजा, व्रत, और अनुष्ठानों से परिपूर्ण होता है।

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