अब फटाफट बनाइए लौकी की जायकेदार खीर
बनारस के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने तैयार की गुणकारी रेसिपी
नया अनुसंधान
पाचन दुरुस्त करने के लिए खाइए या फिर व्रत में कीजिए इस्तेमाल
दिल के मरीज हैं तो इसे जरूर खाएं, कम हो जाता है हानिकारक कोलस्ट्राल
विजय विनीत
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) ने एक ऐसी रेसिपी तैयार की है जिससे फटाफट लौकी की खीर तैयार की जा सकती है। जी हां! इस खीर को फकत तीन मिनट बनाया जा सकता है। इसे बनाने में न खट्टकर्म करने पड़ता है, न मेहनत लगती है। घर में मेहमान आएं तो चंद मिनट में जायकेदार खीर तैयार कर परोसा जा सकता है। बनारसियों के लिए लौकी खीर की अहमियत यह है कि इसे व्रत में भी खाया जा सकता है। यह पाचन क्रिया को दुरुस्त रखती है। इसलिए इसे खाने के मीनू में शामिल किया जा सकता है। दिल के मरीज तो इसे जरूर खाएं। इसे खाने से शरीर में हानिकारक कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है। आईआईवीआर के इस अनुसंधान के शीघ्र पेटेंट होने की उम्मीद है।
बनारस के अदलपुरा स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.सुधीर सिंह ने फटाफट लौकी की खीर बनाने की नई तकनीक विकसित की है। इसे तैयार करने में दूध को न उबालने का झंझट होता है, न लौकी को कद्दूकस करने की जरुरत पड़ती है। बस, पैकेट बंद खीर को पानी में डालिए। गर्म कीजिए और लौकी की खीर बनकर तैयार। चंद देर बाद रसोई गैस बंद कर दीजिए। खीर में इलाइची पाउडर मिलाइए और मेहमानों को परोस दीजिए। लौकी खीर में अपनी पसंद के मेवे भी डाले जा सकते हैं।
भारत में लौकी की खीर बनाने के लिए जो प्रचलित तरीका है उसमें काफी समय लगता है। दूध को किसी भारी तल्ले के बर्तन में डाल कर गरम करना पड़ता है। लौकी को छीलना, धोना और बीज निकालना पड़ता है। फिर कद्दूकस करने के बाद रस निकालना पड़ता है। कद्दूकस लौकी को पैन में घी डालकर कलछी से लगातार चलाते हुये भूनना पड़ता है। बाद में भुनी लौकी को उबले हुए दूध में डालकर खीर को गाढ़ा होने तक धीमी गैस पर पकाना पड़ता है। काफी मेहनत और समय खर्च करने के बाद तैयार होती है लौकी की खीर।
पैकेटबंद लौकी की खीर की रेसिपी तैयार करने वाले वैज्ञानिक डा.सुधीर सिंह बताते हैं कि सूखी लौकी, मिल्क पाउडर, चीनी और इन वस्तुओं को संरक्षित करने वाले स्थायीकारक तत्व को मिलाकर उन्होंने फार्मूला तैयार किया है। लौकी की खीर बेहद गुणकारी है। व्रत में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि खीर के फार्मूले को पेटेंट करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
क्यों खाएं लौकी की खीर ?
लौकी की खीर कई तरह की बीमारियों में भी रामबाण साबित हो सकती है। यह वजन कम करने और चेहरे को निखारने में सहायक है। इसके नियमित इस्तेमाल से प्राकृ?तिक रूप से चेहरे की रंगत निखरती है। अगर आपको पाचन क्रिया से जुड़ी कोई समस्या है तो लौकी की खीर जरूर खाएं। इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं जो कब्ज और गैस की समस्या में राहत देने का काम करते हैं। लौकी में कई तरह के प्रोटीन, विटामिन और लवण पाए जाते हैं। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और जिंक पाया जाता है। ये पोषक तत्व शरीर की कई आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं और शरीर को सभी बीमारियों से सुरक्षित भी रखते हैं। लौकी के खीर का इस्तेमाल दिल के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इससे हानिकारक कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है। जाहिर है कि कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने पर दिल से जुड़ी कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
सब्जियों को प्रिजर्व करने को नई तकनीक विकसित
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) ने कई सब्जियों को प्रिजर्व करने की नई तकनीक विकसित की है जिसे तत्काल बनाया जा सकता है। आईआईवीआर ने सब्जियों को प्रिजर्व करने का जो फार्मूला तैयार है उसमें पौष्टिकता सब्जियों की तरह बरकरार रहती है। इजी टू कुक तकनीक के तहत पत्ता गोभी, चौलाई, मेथी, बथुआ, पालक का साग, गोभी और करेला चिप्स को प्रिजर्व किया जाता है। आमतौर पर बारिश के दिनों में सब्जियां महंगी हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में इजी टू कुक तकनीक वाली सब्जियों का इस्तेमाल कर घरेलू खर्च में बचत की जा सकती है।