बनारस में बाबा महाश्मशाननाथ की आराधना बनी लोक परंपरा की अद्मसाल अद्भुत मिसाल

समाजसेवी गुलशलन कपूर के नेतृत्व में शव लोक में शिवलोक का दर्शन
विशेष संवाददाता
वाराणसी के पवित्र मणिकर्णिका घाट स्थित श्री श्री १००८ बाबा महाश्मशान नाथ जी के त्रिदिवसीय श्रृंगार महोत्सव का आज, दिनांक 4 अप्रैल 2025 को, पंचमकार भोग और भव्य तांत्रोक्त आरती के साथ समापन हुआ। इस अद्वितीय आयोजन का मुख्य उद्देश्य शिव की तांत्रिक उपासना को जनमानस से जोड़ना रहा, जिसमें मंदिर व्यवस्थापक गुलशन कपूर की भूमिका सराहनीय रही।
आज के दिन का दृश्य अत्यंत भावुक करने वाला था—योगिनियों ने अपने नृत्य के माध्यम से शिव को नित्यांजलि अर्पित की तो वहीं शवों के बीच सजा बाबा का प्रांगण, रजनीगंधा, गुलाब और सुगंधित पुष्पों से शिवलोक का आभास दे रहा था।
शाम को पंचमकार भोग अर्पित करने के पश्चात तांत्रिक विधि से बाबा की आरती हुई, जिसमें भक्तों की आंखें आस्था से डबडबा उठीं। नगर वधुओं ने परंपरा अनुसार भावांजलि के रूप में अपने गायन और नृत्य से बाबा को समर्पण किया और प्रार्थना की—“बाबा! अगला जन्म सुधारे।” यह दृश्य इतना भावविभोर कर देने वाला था कि वहां उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति की आंखें नम हो गईं।

इस आयोजन की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डालते हुए गुलशन कपूर ने बताया कि “सैकड़ों वर्षों पुरानी यह परंपरा राजा मानसिंह के समय से चली आ रही है। जब मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद कोई कलाकार संगीत प्रस्तुति के लिए नहीं आया, तब काशी की नगर वधुएं स्वेच्छा से आगे आईं और शिव को नटराज मानकर भावांजलि दी। राजा मानसिंह ने उन्हें ससम्मान आमंत्रित किया और यहीं से इस परंपरा का जन्म हुआ।”
गुलशन कपूर ने भावुक होकर कहा—“यह कोई साधारण परंपरा नहीं, यह आत्मा की पुकार है। बिना बुलाए नगर वधुएं हर वर्ष सप्तमी को स्वयं बाबा के चरणों में आ पहुंचती हैं, यह बाबा का ही चमत्कार है।”

महोत्सव के तीसरे दिन रात्रि जागरण का आयोजन भी भव्य रहा। जलती चिताओं के बीच शुरू हुए इस जागरण में आए हुए अतिथियों का स्वागत मंदिर अध्यक्ष चैनू प्रसाद गुप्ता एवं व्यवस्थापक गुलशन कपूर द्वारा किया गया।
भजनों की श्रंखला में “दुर्गा दुर्गति नाशिनी”, “डिम डिम डमरू बाजे”, “ओम् नमः शिवाय”, “खेले मसाने में होरी”, दादरा, ठुमरी और चैती ने समां बाँध दिया। विशेष आकर्षण रहा काशी के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा प्रस्तुत “औम मंगलम”, “बम लहरी बम बम” जैसे भजन, जिन पर भक्त झूम उठे।

इस आयोजन में चैनू प्रसाद गुप्ता (अध्यक्ष), गुलशन कपूर (व्यवस्थापक), बिहारी लाल गुप्ता (महामंत्री), महंत संजय झींगरन, विजय शंकर पांडे, दिलीप यादव, संजय गुप्ता, दीपक तिवारी, अजय गुप्ता, रिंकू पांडेय, मनोज शर्मा समेत अनेक पदाधिकारी व श्रद्धालु उपस्थित रहे।
यह श्रृंगार महोत्सव न केवल श्रद्धा का उत्सव था, बल्कि परंपरा, त्याग और आत्मा की गहराइयों को स्पर्श करने वाला एक दुर्लभ क्षण था, जिसकी स्मृतियाँ हर हृदय में अमिट रहेंगी।