गरूर का अंत है अंतिम सच

गरूर का अंत है अंतिम सच

0 राजीव कुमार ओझा

मैने तो देखा है

क्या आपने भी देखा है?

जायज‌ नाजायज

तौर‌ तरीके आजमाना

दौलत का पहाड़ खड़ा करना

और

दौलत के पहाड़ की मुनादी की

लालसा से

दौलत के पहाड़ पर बैठे

दौलत मंद की

एक अदद हवेली का तन जाना?

ब्यूटी पार्लर से लौटी

जयमाल लिए मंथर गति से

अपने सजन के वरण को

वरमाला लिए चुन चुन कर

कदम कदम बढ़ती

दुल्हन की तरह

हवेली का साज श्रृंगार करना

विलास और वैभव के

साजो श्रृंगार से

 हवेली का सज जाना

और हवेली के स्वामी का

हवेली की तरह  तन जाना?

तनी हवेली के प्रवेश द्वार पर

” कुत्ते से सावधान” करती

आगत के स्वागत को

चमकती इबारत वाली

सूचक पट्टी का प्रकट होना

और

तनी हवेली के सजे संवरे

कमरों का

हवेली के रहवासियों के

पक्षियों के कोटर सा

तब्दील हो जाना?

घूमते समय चक्र के साथ

दुल्हन के श्रृंगार की तरह

हवेली और हवेली के स्वामी का

क्रमिक क्षरण?

हवेली के कमरों मे

झालर झूमर

एसी कूलर की बेजान

मौजूदगी ?

हवेली के रंग रोगन चमक दमक

का खो जाना ?

दीवारों और फर्श

के प्लास्टर का उधड़ जाना

        और

हवेली का खंडहर मे

तब्दील हो जाना?

खंडहर के किसी कक्ष मे

शिथिल देह संग

हवेली के स्वामी का

तनी हवेली की कोख से उपजे

खुद के गुरुर का

अंत होते देखना ?

यही अंतिम सत्य है

तनी हुई हवेली का

तनी हुई हवेली के साथ

तने हुए हवेली के स्वामी का।

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