यहां एक ही चबूतरे पर चढ़ती है चीलम और चादर

यहां एक ही चबूतरे पर चढ़ती है चीलम और चादर

               दोनों पूजा स्थलों पर एक ही पुजारी

गौड़िहार गांव में गंगा जमुनी तहजीब की बेमिसाल नजीर

हिन्दू और मुसलमान एक दूसरे के आराध्य की करते हैं पूजा

चंदौली से सत्य प्रकाश की रिपोर्ट

कहने को तो अपने देश में गंगा जमुनी तहजीब के कई मिसालें मिलतीं हैं, जो आपस में मिलजुल कर रहने का संदेश देती हैं। लेकिन कुछ ही मिसाल ऐसे होते हैं, जो दो मजहब के लोगों को हमेशा हमेशा के लिए प्रेम के सूत्र में बांध देते हैं। ऐसा ही एक नजारा क्षेत्र के गौड़िहार गांव में आपको देखने को मिल जाएगा। यहां जिस चबूतरे पर देवताओं को हिंदू प्रसाद चढ़ाते हैं, उसी चबूतरे पर हर दिन मुसलमान सजदा करने को अपने सिर भी झुकाते हैं।

धार्मिक सौहार्द्र के प्रतीक इस स्थान की विशेषता यह है कि यहां एक ही चबूतरे पर एक तरफ जहां नूर मुहम्मद शहीद बाबा की दरगाह है, तो दूसरी तरफ दैत्यरा बीर की भव्य चौरी विद्यमान है। साथ ही पास के पीपल वृक्ष मे परी माता का भी वास है। इस स्थान की मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मागी गई मन्नतें जरूर पूरी होती हैं। यहां के लोग बताते हैं कि इस देवस्थान के प्रति आस्था रखने वाले लोगों को, चाहे वे हिन्दू हो या मुसलमान, शहीद बाबा और दैत्यरा बाबा दोनो की पूजा करनी होती है तभी उनकी पूजा पूर्ण होती है। इतना ही नहीं दैत्यरा बीर को जनेऊ-खडाऊं,चीलम चढ़ाना हो या शहीद बाबा की चादरपोशी करनी हो यहां हिन्दू पूजारी नन्दलाल मौर्य ही दोनों मंदिरों की सेवा करते हैं।

पुजारी नन्दलाल मौर्या बताते हैं कि हर वर्ष कार्तिक एकादशी के दिन 24 घंटे का अखण्ड हरिकीर्तन और अगले दिन शहीद बाबा का सलाना उर्स श्रध्दालुओं के सहयोग से मनाया जाता है। जिसमें हिन्दू और मुस्लिम दोनो समुदाय के श्रध्दालु भरपूर सहयोग देते हैं। पुजारी आगे बताते हैं कि प्रत्येक गुरुवार को यहां श्रध्दालुओं और असाध्य रोगों से पीड़ित लोगों की भारी भीड़ जमा होती है। पुजारी नन्दलाल रोगियों को कई असाध्य रोगों की नि: शुल्क दवा जड़ी बूटियों के रूप मे  गुरुवार के दिन देते हैं। प्रेतबाधा से पीड़ित लोग इस दरबार मे आने के बाद निश्चित रूप से प्रेतबाधा से मुक्त हो जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *