वाराणसीः प्रोफेसर ओमशंकर के आगे झुका बीएचयू प्रशासन, हृदय रोगियों को मिले 90 बेड

वाराणसीः प्रोफेसर ओमशंकर के आगे झुका बीएचयू प्रशासन, हृदय रोगियों को मिले 90 बेड

संजल प्रसाद

उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित बीएचयू के कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर ओम शंकर की मांग को लेकर अस्पताल प्रशासन को फिर से झुकना पड़ा। डॉक्टर ओमशंकर, जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। वह पिछले कई सालों से यहां सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 90 बेडों की मांग कर रहे थे। पहले यहां सिर्फ 47 बेड थे। अस्पताल प्रशासन खाली पड़े बेडों को मरीजों को देने में हीला-हवाली कर रहा था।

डॉक्टर ओमशंकर ने मरीजों के हितों को देखते हुए बेडों की संख्या बढ़ाने के लिए पिछले दो सालों से मांग उठा रहे थे। अस्पताल प्रशासन ने उनकी यह मांग नजरअंदाज कर दी थी। इसके बाद प्रोफेसर ओमशंकर को धरना-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पहले, अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टर ओमशंकर की मांग को मान लिया। हृदय रोगियों के लिए अब 90 बेडों की मांग मान ली गई है। उनकी दूसरी मांग, जिसमें चिकित्सा अधीक्षक केके गुप्ता को हटाया जाए, अभी भी लंबित है।

डॉक्टर ओमशंकर ने बताया कि हृदय रोगियों को उच्च स्तर का इलाज उपलब्ध कराने के लिए बेडों की संख्या में वृद्धि की मांग की जा रही थी, क्योंकि अनेक मरीजों को बिना बेड के ही अन्य स्थानों पर भेजा जाता था, जिससे उनका इलाज प्रभावकारी नहीं हो पाता था। बेडों की कमी के कारण, अनेक गंभीर रोगियों को भी अन्य अस्पतालों में रेफ़र कर दिया जाता था, जिससे कई मरीजों की जान भी खतरे में पड़ जाती थी। ई रोगी निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए अपनी सारी जमा-पूंजी और संपत्ति लुटा देते थे।

डॉक्टर ओमशंकर का कहना है कि इस समस्या का समाधान केवल बेडों की संख्या में वृद्धि ही नहीं है, बल्कि व्यवस्थाओं की सुधार भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिक संख्या में बेड उपलब्ध कराने के साथ-साथ, उच्च-तकनीकी उपकरणों का भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि रोगियों को उच्च स्तर का इलाज मिल सके।

डॉक्टर ओमशंकर की लड़ाई अभी जारी है, जिसमें उन्हें बेडों की अधिकतम संख्या और व्यवस्थाओं में सुधार के लिए लड़ना है। वे निरंतर मरीजों के हित में काम कर रहे हैं और समाज को स्वस्थ्य और विकास में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गरीब रोगियों और असहाय रोगियों के हित के लिए प्रोफ़ेसर ओम शंकर पिछले काफी दिनों से बीएचयू अस्पताल के अस्पताल प्रशासन से लंबी लड़ाई लड़ते रहे हैं, जिन्हें बार-बार असफलता का सामना करना पड़ रहा था। अंततः बीते दिनों उनकी जीत हुई और वह मरीजों को 90 बेड दिलाने में कामयाब हुए।

इस खबर से जहां हृदय रोगियों में खुशी की लहर है, वही प्रोफ़ेसर ओम शंकर भी काफ़ी संतुष्ट हैं कि अब उनके यहां से रोगियों को वापस नहीं जाना पड़ेगा। वह अधिक से अधिक रोगियों की सेवा-इलाज करके उनकी जान बचा सकेंगे। प्रोफ़ेसर ओम शंकर ऐसे चिकित्सक माने जाते हैं जो हृदय रोगियों में काफी पापुलर हैं। वह सामान्य परिवार से जुड़े हैं इसलिए गरीब, असहाय, लाचार, बेबस हृदय रोगियों को अच्छी तरीके से समझते हैं। उनके चैंबर से लेकर उनके डिपार्टमेंट तक काफ़ी मरीज की तादाद दिनभर लगी रहती है।

प्रोफ़ेसर ओम शंकर गरीबों के हित के लिए अस्पताल प्रशासन से लंबी लड़ाई लड़ते रहे हैं जिनकी जितनी तारीफ की जाए उतना ही कम होगा। यही कारण है कि आज उनकी एक आवाज पर हृदय रोगियों की लंबी तादाद उनके सुर में सुर मिलाने के लिए और उनके कंधे से कंधे मिलाकर सदैव चलने के लिए तत्पर रहता है। यही बात है जो अस्पताल प्रशासन को नहीं पचता है, क्योंकि प्रोफ़ेसर ओम शंकर कम पैसे में बेहतर इलाज और गरीबों को अच्छी सुविधा देने में काफ़ी मददगार साबित होते हैं।

(लेखक बनारस के वरिष्ठ पत्रकार हैं)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *