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गजल : तुम भरोसे के काबिल नहीं हो..!! लेखक: विजय विनीत !!
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गजल : जिसे देखा था हर इक ख्वाब में, वही एक रोज दिल तोड़ जाएगा...!! लेखक : विजय विनीत !!
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गजल : उन्हें मोहब्बत को ठुकराने की आदत रही..!! लेखक : विजय विनीत !!
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गजल : मतलब निकलते ही, पल में बदल जाती हैं तितलियां !! लेखक : विजय विनीत !!
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गजल : जो दिल में बस है, वो प्यार कहां पाओगे...!! लेखक : विजय विनीत!!
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गजल : ये जहर कहां से लाते हो..!! लेखक : विजय विनीत !!