फैशन में मायानगरी से पीछे नहीं बाबा की नगरी

फैशन में मायानगरी से पीछे नहीं बाबा की नगरी

बदलता बनारस

खूब पंसद की जा रहीं, वायल और कोटा की साड़ियां
अपडेट हो गई है काशी, शहर में नए शोरूम की बाढ़
कपड़ा व्यवसायियों में युवाओं को लुभाने की होड़

दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी काशी फैशन के मामले में मायानगरी से तनिक भी पीछे नहीं है। अबकी गर्मियों में यहां भारतीय-यूरोपीय शैली के परिधान खूब पसंद किये जा रहे हैं। बनारस के डिजाइनरों ने परंपरागत पोशाकों में अनारकली सूट को पाश्चात्य शैली के साथ तैयार किया है। वायल और कोटा की साड़ियों के अलावा युवतियों में काफ्तान सूट की जबर्दस्त डिमांड है। पुरुषों के लिए डिजाइनर चश्मों से लेकर बेल्ट और जूतों की बड़ी श्रृंखला बनारस के बाजारों में हैं। कुल मिलाकर धार्मिक बाबा की नगरी काफी अपडेट हो गई है। इस शहर के युवा फैशन के मामले में तनिक भी पीछे नहीं है। ये मायानगरी को पछाड़ने की होड़ में शामिल हो गये हैं। यही वजह है कि काशी में कपड़ों के नए-नए शो-रूम की बाढ़ आ गई है। डिजाइनरों में युवाओं को लुभाने की होड़ लग गई है।
एक समय था, जब काशी में फैशन का केंद्र सिर्फ महिलाएं हुआ करती थीं, लेकिन आज स्थिति बदल गई है। पुरुष भी महिलाओं की भांति फैशन को लेकर सजग हो गए हैं। शायद इसीलिए पुरुषों के लिए भी विशेष संग्रह पेश किए जा रहे हैं। इसके सशक्त प्रमाण हैं मलदहिया, लंका, चौक, गोदौलिया, दुर्गाकुंड, भेलूपुर, सिगरा, लक्सा-गुरुबाग, रथयात्रा, अर्दली बाजार में खुले माडर्न शोरूम। मलदहिया के एक बड़े शो-रूम में खरीदारी करने आये 25 वर्षीय सुमित गुप्ता कहते हैं, फैशन मेरे लिए सब कुछ है। आप यह नहीं कह सकते कि सिर्फ महिलाएं ही फैशन को लेकर सजग हैं। मेरे जैसे कई युवा हैं जो पैंट, शर्ट या जींस तक ही खुद को सीमित नहीं रखना चाहते, बल्कि राल्फ लॉरेन पैंट और कोरोना ब्रोर्ड शॉर्ट्स के साथ खुद को ट्रेंडी दिखाना पसंद करते हैं।
बनारस में महिलाओं और पुरुषों में परिधानों के चुनाव का तरीका भी बदल रहा है। काशी में आजकल दुनिया की तमाम हस्तियों के फैशन को अपनाने का भी चलन बढ़ गया है। युवा फैशन डिजाइनर अखिल गुप्ता कहते हैं कि आजकल युवा महिलाएं रिहाना, केटी पेरी, जेनिफर लॉरेंस और क्रिस्टन स्टुअर्ट जैसा दिखना चाहती हैं। श्री गुप्ता का चौक में शो-रूम है। बताते हैं कि हमने ग्राहकों की मांग पर उससे प्रेरित कई परिधान तैयार किया है। समर्स के दूसरे ब्राइट कलर्स का चार्म अभी बाकी है, लेकिन फैशनपरस्त युवा एक्सपर्ट्स नियॉन कलर्स पर फिदा हैं। गर्मी में हॉट दिखने के लिए युवतियां इस कलर को इग्नोर नहीं कर पा रही है। बनारस में येलो कलर खासा हिट है। इस कलर के शेड्स की जबर्दस्त डिमांड है।
जाने-माने फैशन डिजाइनर रवि प्रकाश जायसवाल का लंका में बड़ा शो-रूम है। वह बताते हैं कि समर्स में हैरम पैंट्स काफी पसंद की जाती हैं, लेकिन ये इस सीजन की कूल स्टेटमेंट नहीं हैं। पिछले साल से रैंप पर इंटरेस्टिंग एज्टेक प्रिंट्स नजर आ रहे हैं। श्री जायसवाल युवाओं को फैशन के प्रति जागरूक भी करने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए फिटेड लिनन पैंट्स पहनने की सलाह दे रहे हैं। इनके मुताबिक गर्मी के मौसम में ड्रेसेस हल्के रंगों के होने चाहिए जो आंखों को ठंडक दें। कॉटन मिक्स सिल्क, शिफॉन, लिनन, जॉरजट व हैंडलूम और खादी से बने वस्त्रों को पहनें जो पसीने को सोख लेते हैं। युवतियों को चॉइस चाहिए, तो हॉट पैंट्स, शॉर्ट्स और थ्री-फॉर्थ्स के बारे में सोच सकती हैं। ज्यादा ब्राइट कलर ना पहनें व लिनन व कॉटन के कपड़ों को इस्तेमाल करें। कॉटन के प्रिंट, कुशन, साधारण क्रोशिया वाली डिजाइन के फैब्रिक इस मौसम के लिए बेहतर हैं। गर्मी में ब्रश पेटिंग व डाई पेटिंग के ड्रेसेस चलते हैं। युवतियों को अपने आराम के हिसाब से कॉटन पेंट व सलवार कमीज, कॉटन सूट, अनारकली सूट्स पहनना चाहिए। इनको बॉडी शेप के मुताबिक अच्छी फिटिंग में लिया जाए।

मिजाज बदल देता है ड्रेसिंग सेंस

मौसम का बदलता मिजाज आपका ड्रेसिंग सेंस भी बदल देता है। गर्मी में मोटे और गर्म कपड़ों की जगह हल्के और ठंडक देते रंग के कपड़े आ जाते हैं। युवा चाहते हैं इस गर्र्मी में कुछ ऐसा पहनें जो हमें गर्मी से राहत देने के साथ-साथ देखने वाले को भी ठंडक दे। सभी चाहते हैं इस मौसम में हमारी ड्रेस एकदम डिफरंट और यूनिक हो, जो सोबर भी लगे और ट्रेंडी भी।
गर्मियों में हमेशा ड्रेस के मटेरियल के साथ उसके कलर पर भी ध्यान देना जरूरी है। गर्र्मी से बचने के लिए अधिकतर लड़कियां स्लीवलेस ड्रेस पहनना पसंद करती हैं लेकिन इससे धूप में हाथों की त्वचा जल सकती है। दोपहर में हमेशा ऐसी ड्रेस पहने जो कॉटन और फुल स्लीव्ज की हो। रात को आप चाहें तो स्लीवलेस पहन सकते हैं।

हेवी वर्क के कपड़ों से करें परहेज

कॉटन, शिफान के ड्रेसेस फॉर्मल लुक के लिए पहने जाते हैं जो अच्छे लगते हैं। इस मौसम में लिनन और जॉरजट के लांग स्कर्ट पहनें। कॉटन हैंडलूम व खादी ठंडक पहुंचाने वाले व पसीना सोखने वाले फेब्रिक हैं जिससे आप तपती गर्र्मी में भी अच्छा महसूस करते हैं। बुजुर्ग महिलाएं सलवार कमीज पहनें। खादी का कुरता स्टाइल से पहने जो ढीला हो उसके साथ ही चूड़ीदार सलवार पहनें। इस मौसम में कली वाले कुरते अनारकली पेटर्न में अलग-अलग प्रिंट के साथ पहने जा सकते हैं।

गर्मी में इनसे रहें दूर

सिल्क, सॉटन, सिन्थेटिक, कोलेस्टर मिक्स, नायलॉन, वेलवेट कपड़ों से इन्फेक्शन होता है। हेवी फेब्रिक के कपड़े न पहनें जिसे संभालना मुश्किल हो। गर्मी बहुत से बदलाव लेकर आती है। लोगों के पहनावे से लेकर पूरी दिनचर्या बदल जाती है। सही ज्ञान न होने पर कुछ भी पहनना त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है। गर्मी में घेरदार कुरते, जॉरजट व शिफॉन पर की गई फ्लोरल प्रिंट, कॉटन सिल्क, टसर का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता हैं। खासतौर से ब्लॉक प्रिंट, वेजीटेबल, कॉटन मिक्स लिनन व इकत फेब्रिक (कोलकाता में गर्र्मी में ज्यादा चलता है) का इस्तेमाल किया जाता है।

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