मूर्ख पुरोहित ने गड़बड़ मंत्रों से कराई शादी

मूर्ख पुरोहित ने गड़बड़ मंत्रों से कराई शादी

बनारस का बहुचर्चित महामूर्ख मेला

दूल्हे की आदतों पर दुल्हन ने जताया एतराज तो हो गया तलाक

 

बनारसपनी में पगे महामूर्ख मेले में इस बार भी मूर्ख पुरोहित ने गड़बड़ मंत्रों से शादी कराई। दूल्हे की आदतों पर दुल्हन ने जताया एतराज तो हो गया तलाक। गधे की आरती के साथ मूर्ख मेला शुरू हुआ। गुरु प्रसाद यादव ने गधे की आवाज में चींपो-चींपो की आवाज निकालकर मूर्खता का शंखनाद किया। साथ ही यह भी संदेश दिया कि विवाह पुरुष जीवन की सबसे बड़ी मूर्खता है।

ऐतिहासिक राजेंद्र प्रसाद घाट पर मूर्ख पुरोहित ने इस बार गड़बड़ मंत्रों से महिला (पुरुष) की पुरुष (महिला) से शादी कराई। इस अनूठे महामूर्ख मेले में इस बार लक्ष्मण दास ने वधू की भूमिका अदा की तो उनकी पत्नी श्रीमती पूनम दास दूल्हा बनीं। शादी के बाद ही दुल्हन ने दूल्हे की आदतों पर इतराज जताया और तुरंत तलाक भी हो गया।

राजेंद्र प्रसाद घाट पर उमड़े हुजूम के बीच महामूर्ख मेले में उल्टे-पुल्टे और बेमेल नजारों ने चार चांद लगा दिया। मूर्खताओं के जरिए मोदी सरकार पर करारा तंज कसा गया। गंगा निर्मलीकरण अभियान को सरकार द्वारा भुला दिए जाने पर जमकर खिंचाई की गई। महामूर्ख मेले का इस बार शीर्षक था-गंगा को मैली कीजिए।

हास्य-व्यंग्य की कविताओं पर हंसते-हंसते भीड़ लोटपोट हो गई। इस मौके पर ​अतिथियों को तरह-तरह का झुनझुना देकर सम्मानित किया गया। योजक संस्था शनिवार गोष्ठी के अध्यक्ष रहे पं. धर्मशील चतुर्वेदी को यह मेला समर्पित किया गया था। मेले में भीड़ तो खूब जुटी, मगर कार्यक्रम व्यवस्थित नहीं था। प्रस्तुतीकरण के मामले में भी इस बार मेला फीका नजर आया। बीमारी के बावजूद सांड़ बनारसी ने काशी की अनूठी परंपरा को जीवंत बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। कार्यक्रम का संचालन विजेंद्र मिश्र दमदार ने किया।

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