बनारस में लीजिए राजस्थान का आनंद, उठाइए ऊंट की सवारी का लुफ्त
अमित पटेल
देश की सांस्कृतिक राजधानी बनारस सिर्फ मंदिरों और गलियों का शहर नहीं है। इस पर्यटक नगरी में राजस्थान भी बसता है। वो है गंगा के पार रेत में। देश के कोने-कोने से तीर्थयात्री और पर्यटक बनारस आते हैं तो ऊंट और घोड़ों की सवारी करना नहीं भूलते। गुनगुनी धूप में ऊंटों की सवारी पर्यटकों को न सिर्फ रिझाती है, बल्कि मोहक नजारा भी पेश करती है। गंगा के घाट इसकी सुंदरता को और बड़ा देते हैं।
पिछले तीन-चार महीने से गंगा की रेत पर सैलानियों का जमघट जुट रहा है। इन दिनों गंगा पार रेत पर ऊंट और घोड़ों की सवारी बनारस में राजस्थान की झलक दिखा रही है। वीकेंड के दिनों में गंगा की रेत पर काफी भीड़ जुटती है। कुछ लोग ऊंट की सवारी करते हैं तो कुछ घुड़सवारी। सिर्फ बच्चे ही नहीं, बड़े-बूढ़े भी ऊंट की सवारी करते नजर आते हैं।
ऊंट की सवारी करने पर 10 से 20 मिनट के लिए डेढ़ सौ रुपये कीमत चुकानी पड़ती है। सुबह छह बजे से लेकर देर शाम तक आप ऊंट की सवारी का आनंद ले सकते हैं। अबकी गंगा से रेत ज्यादा मात्रा में आई है। इसलिए हर तरफ मस्ती ही मस्ती है।
लखनऊ की पर्यटक ऋचा शर्मा कहती हैं कि उन्होंने ऊंट और घोड़े की सवारी की और गंगा किनारे चाय का लुफ्त भी आनंद भी लिया। ऊंट पर बैठकर लग रहा था कि जैसे हम राजस्थान में आ गए हैं। गंगा पार हॉर्स राइडिंग करनी है तो दोस्तों के साथ आइए। सुबह से शाम तक गंगा पार मस्ती की पाठशाला सज रही है।
बनारस आने वाले पर्यटकों लगता है यह शहर नहीं, बल्कि एक इमोशन है। गंगा की रेत पर ऊंटों की सवारी का आनंद ही कुछ अलग ही है। यहां जो कैमर राइडिंग हैं वो हर किसी को रोमांचित कर देती है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बनारस के राजस्थान में ऊंटों की सवारी सबसे बड़े आकर्षण का केंद्र बनेगी। आप भी गंगा की रेत पर आईए और ऊंटों की सवारी कीजिए। इस नजारे को अपने कैमरे में कैद कीजिए। यकीन कीजिए उस मंजर को आप जीवन भर कभी नहीं भूल पाएंगे।