‘लव लाइफ’ को लेकर परेशान हैं यूथ

‘लव लाइफ’ को लेकर परेशान हैं यूथ

युवाओं का कॅरियर संवारने में जुटीं काशी की महिला ज्योतिषी

ज्योतिष विद्या की राजधानी काशी में महिला ज्योतिषाचार्य यूथ का कॅरियर संवारने में जुट गई हैं। काशी ज्योतिष विदुषी परिषद युवाओं को बता रही हैं कि कौन से ग्रह हैं जो युवाओं की तरक्की का रास्ता रोकते हैं? कौन से सितारे किसके लिए लकी साबित होंगे? किसके जीवन को बदलेंगे ब्रेकअप के बाद स्थायी रिलेशन? मेरी लव मैरिज होगी या अरेंज? तीन-तीन राउंड इंटरव्यू फेस करने के बावजूद क्यों पिछड़ जाते हैं युवा?

काशी ज्योतिष विदुषी परिषद से बनारस की ज्यादातर महिला ज्योतिषी जुड़ी हैं। इनका नेतृत्व कर रहे हैं देश के जाने-माने ज्योतिषाचार्य डा.नागेंद्र पांडेय। काशी की महिला ज्योतिषाचार्यों ने कई अनूठे निर्णय लिए हैं। डा.पांडेय कहते हैं कि महिला ज्योतिषियों की संस्था युवाओं को नया रास्ता दिखाने में जुट गई है। साथ ही ज्योतिष के सहारे राजनीति की धारा भी बदल रही है।

संस्था की महामंत्री स्वाती बरनवाल ने कहा कि बच्चों के पास धैर्य कम होता जा रहा है। कंपटीशन के दौर में भागमभाग लाइफ होती जा रही है। इसके अलावा लव लाइफ को लेकर लड़के-लड़कियां सबसे ज्यादा परेशान हैं। जितनी जल्दी अफेयर होते हैं, उतनी जल्दी ब्रेकअप भी हो रहा है। बिना ग्रह चाल, योग के कोई भी सफलता पाना नामुमकिन है। शादी के बाद के जीवन को लेकर कई लड़के-लड़कियां तो अफेयर में ही कुंडली मिलान करा ले रहे हैं।

पेशेवर ज्योतिषाचार्य सोनाली रक्षित कहती हैं कि हस्तरेखाओं और ग्रह चालों से अपना भविष्य जानने को युवा भी बहुत उत्सुक नजर आ रहे हैं। उनके यहां ज्यादातर वे लोग भाग्य बंचवाने आते हैं जिन्हें उम्दा पढ़ाई के बावजूद सफलता और नौकरी नहीं मिल पाती है। डा.आभा यज्ञसेनी बताती हैं कि ज्योतिषी और अंक शास्त्र जैसे विषयों में युवा जागरूक हुए हैं। कर्म प्रधान युवाओं का इंट्रस्ट विज्ञान की इस विद्या में भी बढ़ रहा है। यही कारण है कि काशी में महिला ज्योतिषियों को नई पहचान मिलनी शुरू हुई है।

ज्योतिषाचार्य रत्ना वर्मा और नीरजा बरनवाल कहती हैं कि आजकल युवा जीवन के अहम फैसले नहीं ले पाते हैं। बड़े लोगों को समाधान बताने से काम पूरा हो जाता है, लेकिन आज की यूथ जनरेशन को सोल्यूशन के साथ काउंसलिंग और कंसलटेटिंग भी करनी पड़ती है। पुरुष ज्योतिषी महिलाओं के भविष्य नहीं बांच सकते। वजह यह है कि वे खुलकर अपनी बात पुरुषों से शेयर नहीं कर पाती हैं। महिला डाक्टरों और शिक्षकों की तरह महिला ज्योतिषाचार्य ही महिलाओं की जीवन की झंझावातों सुलझा सकती हैं।

उनके यहां ज्यादातर लड़के-लड़कियां अपने रिलेशनशिप को लेकर पहुंचते हैं। शादी में बाधक ग्रहों शुक्र और बृहस्पति के बारे में जिक्र करते हैं। भागमभाग जिंदगी के कारण लोगों के पास समय की कमी है। नौकरियों का दबाव, जॉब कंपटीशन, हैवी स्टडी ऊपर से यहां का पॉल्यूशन, ये सभी कारण है युवाओं को अवसाद, मेंटल प्रॉब्लम और बीपी जैसी समस्याओं में घिर जाने का। कई बार अंक शास्त्र, नामों में फेरबदल और भूमि बदलने से काफी हद तक युवाओं की समस्या का समाधान हुआ है।

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