अंशिका दीप सिंह: सुर, साधना और श्रद्धा की सुरमयी गंगा में बनारस की बुलंद आवाज़

‘ध्रुव स्टार अवार्ड‘ से सम्मानित अंशिका सिंह ने कम उम्र में बनाई खास पहचान
विशेष संवाददाता
वाराणसी। हुनर, मेहनत और समर्पण जब एक साथ मिलते हैं, तो सफलता खुद चलकर आती है। ऐसी ही सफलता की मिसाल बनी हैं अंशिका सिंह, जिन्होंने भक्ति गायन में अपनी विलक्षण प्रतिभा से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया है। यूपी किड्स फेस्टिवल 2018 में अंशिका को उनकी अद्भुत गायन क्षमता के लिए ‘ध्रुव स्टार अवार्ड’ से सम्मानित किया गया, जो उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है।
अंशिका सिंह ने बचपन से ही संगीत के प्रति विशेष रुचि दिखाई। मात्र तीन साल की उम्र से उन्होंने उपशास्त्रीय संगीत और बॉलीवुड गीतों का अभ्यास शुरू कर दिया था। उनकी सधी हुई गायकी और भक्ति संगीत में गहरी पकड़ ने उन्हें कम उम्र में ही देशभर में पहचान दिलाई। सारेगामापा लिटिल चैंप्स जैसे प्रतिष्ठित मंच पर अपनी आवाज़ का जादू बिखेरने वाली अंशिका ने अपने भक्ति संगीत से लाखों श्रोताओं का दिल जीता है।
अंशिका सिंह ने कई राष्ट्रीय और राज्य स्तर के संगीत प्रतियोगिताओं में भाग लिया और बेहतरीन प्रदर्शन किया। 2014 और 2015 में लखनऊ में आयोजित ‘बाल उत्सव’ में उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त कर अपनी प्रतिभा को साबित किया। इसके अलावा, उन्हें लखनऊ प्रेस क्लब से भी सम्मानित किया जा चुका है।
भक्ति संगीत में योगदान
अंशिका ने अब तक तीन भक्ति एलबम रिकॉर्ड किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. ‘बनेगा मंदिर कब श्रीराम का’
2. ‘मां काली आएंगी’
3. ‘बेघर क्यूं राम हैं’
इन एलबमों ने भक्ति संगीत प्रेमियों के बीच खूब सराहना बटोरी और अंशिका की पहचान एक समर्पित भजन गायिका के रूप में स्थापित की। अब तक 300 से अधिक स्टेज शो में अपनी प्रस्तुति दे चुकी अंशिका ने कई प्रतिष्ठित आयोजनों में भाग लिया है, जिनमें शामिल हैं:दूरदर्शन, लखनऊ फेस्टिवल, सुरगंगा महोत्सव। इसके अलावा, उन्होंने पद्मश्री मालिनी अवस्थी, अनूप जलोटा, नरेंद्र चंचल और मनोज तिवारी जैसे दिग्गज गायकों के साथ भी मंच साझा किया है।

अंशिका सिंह अपनी संगीत यात्रा को निरंतर आगे बढ़ा रही हैं और अपने सुरों से भक्ति संगीत की दुनिया में नई ऊंचाइयां छूने के लिए तैयार हैं। उनके समर्पण और प्रतिभा को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि वे भविष्य में भक्ति संगीत का एक बड़ा नाम बनेंगी।
अंशिका की इस सफलता पर उनके परिवार, गुरुजन और संगीत प्रेमियों को गर्व है। हम आशा करते हैं कि उनकी गायकी का जादू इसी तरह जारी रहेगा और वे अपने सुरों से संगीत प्रेमियों को भाव-विभोर करती रहेंगी।